Zindagi In Short Review: तापसी से पहले बेदिका का करारा थप्पड़, नानो सो फोबिया में संपत बनीं एक नंबर

मोबाइल पर दर्शकों की वीडियो देखने की लत को ध्यान में रखते हुए ऑन लाइन शॉपिंग कंपनी फ्लिपकार्ट ने भी अपने ऐप पर वीडियोज दिखाने शुरू कर दिए हैं। फराह खान के शो बैकबेंचर्स के बाद फ्लिपकार्ट ने पहली बार काल्पनिक कहानियों पर बनी सात फिल्में बुधवार की रात अपने ऐप पर रिलीज कीं।


डिजिटल दौर में कहानियां अपना आकार, प्रकार और विस्तार सब बदल रही हैं। जिंदगी इन शॉर्ट संकलन की पहली कहानी छज्जू के दही भल्ले एक मध्यमवर्गीय परिवार की लड़की के पहला मोबाइल मिलते ही टिंडर पर अपना साथी तलाशने की भावुक कहानी है। मैच होने के बाद चैट होती है और फिर दोनों मिलने का फैसला करते हैं। दोनों एक साथ तय जगह पर पहुंचते भी हैं। दोनों ने नाम तो सही तय किया पर जगह? यही इस कहानी का असली ट्विस्ट है।

संकलन की दो और कहानियां काबिले तारीफ हैं, राकेश सैन निर्देशित नानो सो फोबिया और विनय चव्वाल निर्देशित थप्पड़। नानो सो फोबिया को मशहूर निर्देशक श्रीराम राघवन ने सहारा दिया है। फिल्म बनी भी बहुत अच्छी है। बुजुर्ग महिला बनीं स्वरूप संपत का अभिनय फिल्म की जान है। इस थ्रिलर फिल्म का क्लाइमेक्स का ट्विस्ट झटका देने वाला है।

ज़िंदगी इन शॉर्ट की सबसे शानदार कहानी है, थप्पड़। तापसी पन्नू की फीचर फिल्म थप्पड़ से पहले फ्लिपकार्ट के मोबाइल एप की ये हिट कहानी है। स्कूल में पढ़ने वाली अपनी बहन के साथ साये की तरह चलने वाला एक बालक कैसे अपनी बहन को राह में छेड़ने वाले शोहदों को थप्पड़ मारने के लिए प्रशिक्षित करता है, यह दृश्य फिल्म की जान है। कमांडो ध्रुव के कॉमिक्स पढ़ते रहने वाले बालक के किरदार में शाफिन पटेल का अभिनय काबिले तारीफ है और उसकी बड़ी बहन बनी बेदिका नावानी का चेहरा भी याद रह जाता है।

संकलन में नीना गुप्ता की ताहिरा कश्यप निर्देशित पिन्नी भी असर छोड़ने में कामयाब रहती है। लेकिन, स्लीपिंग पार्टनर में दिव्या दत्ता अपने किरदार के साथ न्याय नहीं कर सकीं जबकि सन्नी साइड ऊपर की कहानी में शॉर्ट फिल्म जैसे कोई ट्विस्ट नहीं है। दीपक डोबरियाल जैसे दमदार कलाकार का टैलेंट स्वाहा में बेकार हो गया।